भारत कि आत्मा कि हत्या
करने वाले ओ देशद्रोहियों
चेत करो आतंकवादियों
इंदिरा जी की निर्मम हत्या
भारत माता कि हत्या है
भारत माता की हत्या क्या ?
यह मानवता कि हत्या है !
कायरों , निकम्मों, निशाचरों तुमने कैसा उत्पात किया ?
ओ दुराचारियों कलंकियो
क्यों ऐसा वज्राघात किया ?
जिस फॅमिली ने स्वातंत्रय
सेतु निर्माण कर दिया सारा है
भारत माँ कि आजादी हित काटा
वह कितना कारा है
श्री मोती और जवाहर , कमला
विजया सह इंदिरा ने
है कौन कष्ट जो सहा नहीं ?
भारत हित माता इंदिरा ने ,
जीवन का सब वैभव विलास
आनंदभवन दे डाला है
जयचंदों से अब सावधान हो
जाओ प्यारे देशवासियों
चेत करो आतंकवादिओं
था कौन जनता उस दिन कि ,
काली रजनी मिट जाएगी
भागेंगे अँगरेज़ और चांदनी
यहाँ खिल जाएगी
ले रिस्क उन्होंने काम किया
जब गाँधी ने ललकारा था
भारत माँ को आजाद किया अंग्रेजो
को दुत्कारा था
जब हुई प्रधान इंदिरा तो
दुनिया ने ख़ुशी मनाई थी
“पाठक” कहते हैं भारत माँ
भी फूली नही समायी थी
खिल गयी देश कि कली कली
बागो में गज़ब बहार हुई
तुम मानवंशियों से सतर्क हो
जाओ प्यारे देशवासिओं
चेत करो आतंकवादिओं
है कौन प्रगति का कार्य आज
जिसको इंदिरा ने किया नही ?
हैं कौन बिंदु जिसको उसने
है पूरा अब तक किया नहीं .
गोवध को बंद कराया है फिर
मद्यनिषेध कराया है
नहरों सड़को और बिजली का
क्या नहीं जाल विछ्वाया है
प्रिवी पर्सो का उन्मूलन
राष्ट्रीयकरण बैंकों का
बीससुत्री कार्यक्रम का भी
लक्ष्य हो रहा पूरा है
तिलक दहेज़ प्रथा पर भी उसने
प्रतिबन्ध लगाया है
क्रिमिनल नक्सल और चोरों को
क्या नही जेल भिजवाया है ?
खाद्यान्न पेयजल का उसने
भरपूर प्रबंध कराया है
परमाणु अस्त्र बनवाया है
बंगला आज़ाद कराया है
गोरी गजनी चंगेज़ खान से सजग
रहो ओ देशवासियों
चेत करो आतंकवादियों ..
राष्ट्र की महासभा में उसने
ही ललकारा है
दीनो दलितों और पिछड़ों को
भी उसने खूब उद्धारा है
परिवार नियोजन पुण्य कितना
सफल बनाया है
श्रम और शक्ति के महामंत्र
से सबको सजग कराया अहि
पाकिस्तानी का दम तोडा
चीनियों का साहस पस्त किया
प्रत्येक क्षेत्र में भारत
को क्या आगे नही बढाया है
नदियाँ बाँधी फैक्टोरियां
खुली विद्युत् का भी निर्माण किया
रेल डाक कि कौन कहा रॉकेट
तलक तो उडवाया
अमरीकी सातवे बेड़े को उसने
ही तो लौटाया है
उसके ही पैन्टन टैंको को
किस भांति यहाँ रौन्दाया है
ओ सावधान , ओ आत्मघातियों
चेत करो आतंकवादियों
राष्ट्रिय एकता हित जिसने
है अपना प्राण गवाया
सामाजिक समरसता हित उसने
अपना सर्वस्व गवाया
आये मिलकर नमन करे हम
श्रद्धा सुमन चढ़ाएं
इंदिरा जी की अमर कहानी जन
जन तक पहुचाएं
जन जन तक पहचाएं जिससे देश
स्वर्ग हो जाये
आपस का तज भेद भाव सब भारत
सबल बनाये
भारत सबल बनाये जिससे घात न
होने पाए
घात न होने पाए और विश्वास
न खोने पाए
अब भी करो प्रयास साथियों
चेत करों आतंकवादियों
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