तुम दर्द भरी बातों का कहना बंद करो !
सुनकर जलता है ह्रदय हाय
जलते हैं जीवन के सपने
जलती है जीवन की आशा
मिटते जाते दृढ़-पथ अपने !
मन मंदिर के आराध्य देव का ध्यान करो !
तुम दर्द भरी बातों का कहना बंद करो !!
यह जीवन नौका बीच जलधि से गुजर रही
है चतुर्दिशाये खड़ी किन्तु बस ताक रही !
तुम भी कुछ धीरज धरो तात, मत क्रंद करो
तुम दर्द भरी बातों का कहना बंद करो !!
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