शुभकामनायें.

आप सभी भगवान के भक्तों को पितृपक्ष की हार्दिक शुभकामनायें । पितृपक्ष में आपके पितरों का आशीर्वाद आप सभी के जीवन को हर प्रकार की खुशियों से भर दे ।।

Friday 1 July 2016

लेखक परिचय : पंडित श्री राम सिंघासन पाठक

लेखक परिचय : पंडित श्री राम सिंघासन पाठक
लेखक का परिचय :
लेखक का जन्म ६ अप्रैल १९३२ को बिहार राज्य के तत्कालीन शाहाबाद जिला के पाठक सेमरी ग्राम में हुआ था ! पिता का नाम स्वर्गीय तपेश्वरी पाठक तथा माता का नाम फुलेश्वरी देवी है  ! इनकी पत्नी का नाम स्वर्गीय रामप्यारी देवी है ! आप साहित्याचार्य , साहित्यालंकार , धर्मविशारद और STC की उपाधि से विभूषित  हैं ! शिक्षक के रूप में प्रथम नियुक्ति प्रधानाध्यापक के पद पर श्री सदाशिव संस्कृत विद्यालय भदौला (कूदरा , शाहाबाद ) में जुलाई , १९५५ में हुई थी ! जहाँ आप ३० जून १९५६ तक रहे ! तत्पश्चात अमर शहीद श्री निशांत सिंह के प्रपोत्र स्वर्गीय ज्वाला प्रसाद सिंह (मुखिया ) के विशेष आग्रह पर निशान सिंह माध्यमिक विद्यालय , बड्डी में १ जुलाई १९५६ से ३१ मार्च १९६२ तक अध्यापन कार्य संपन्न किया ! पुनः , १ अप्रैल १९६२ निशान सिंह स्मारक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निशाननगर बड्डी (तत्कालीन शाहाबाद , वर्तमान रोहतास ) में कार्यरत रहे ! विद्यालय के विधिवत संचालित , पल्लवित , पुष्पित एवं फलान्वित होने के पश्चात् स्वेच्छा से विद्यालय परित्याग कर आदर्श उच्च विद्यालय समहुता में योगदान किया !विद्यालय के सरकारी करण के बाद २३ मार्च. १९८२ को राजकीय इंटर सह उच्च विद्यालय सासाराम में कार्यरत रहकर ३० अप्रैल १९९२ को सेवानिवृत हुए !

 विशिष्ट सेवा !
१)रायपुर चोर , संस्कृत विद्यालय  को पुनर्जीवित करना !
२)श्री सदाशिव संस्कृत विद्यालय भदौला को वितसहित स्वीकृति प्रदान करवाना !
३)निशान सिंह स्मारक उच्चतर माध्यमिक को स्थापित तथा स्वीकृत करवाने में कठिनतम परिश्रम !

अध्यापन के अतिरिक्त लेखों एवं कविताओं के लेखन में आपकी रूचि रही है ! राजकीय इंटर कॉलेज सासाराम द्वारा प्रकाशित "अरुण " के प्रधान संपादक के रूप में कार्य ! प्रकाशित निबंध "याद रखें" , संस्कृत में "स्मरन्तु", कविता "कामना" , और अन्य अप्रकाशित ढेर सारी कवितायेँ , निबंध - आरक्षण , मितव्ययिता आदि !

इसके अतिरिक्त समाज सेवा में इनकी विशेष भागीदारी रही ! चाहे वह पैतृक गाँव पाठक सेमरी के लिंक रोड को पक्का बनवाना हो या १९६४ से ही गाँव में विद्युत् सेवा उपलब्ध करवाना , आप सभी में नेतृत्वकर्ता रहे ! आपने गाँव का द्वार बनवाया और गाँव के द्वार पर एक सुन्दर मंदिर का भी निर्माण करवाया ! आप वर्तमान में भी संस्कृत की सेवा में कार्यरत हैं और श्री हनुमत संस्कृत प्राथमिक सह माध्यमिक विद्यालय गोतहर रोहताश के संचालक हैं !
अस्तु !
आपकी अंतिम इच्छा देश में रामराज्य की कल्पना को साकार करना है ! अयोध्या में श्री राम मंदिर बने और दर्शन लाभ मिले यही आपकी अंतिम इच्छा है ! 

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मित्रों, आप सभी भगवान के भक्तों को धनतेरस एवं दिपावली की हार्दिक शुभकामनायें । दिपावली में माता महालक्ष्मी का आशीर्वाद आप सभी के जीवन को हर प्रकार की खुशियों से भर दे ।।